शेयर का मतलब क्या होता है ? 5 important types of shares – Everest Stocks Academy
तो जब भी हम शेयर मार्केट के बारे में सुनते हैं तब हमें बहुत बार ऐसा लगता है । कि यहां पर बहुत सारा पैसा बन सकता है। और इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर मार्केट एक बहुत अच्छी जगह हो सकती है। लेकिन हमे ये नहीं पता होता की शेयर का मतलब क्या होता है ?
लेकिन इसके अंदर आने से पहले हमें कुछ-कुछ चीजों के अंदर में समस्याएं आती है। जैसे कि हमें शेयर के बारे में जानने के लिए बहुत सारी प्रॉब्लम्स होती है, या फिर बहुत सारे जो पेड कोर्सेज है वह इतने अच्छे नहीं होते। और बहुत सारे पेड़ को से जो होते हैं जो क्लासेस होते हैं वह बहुत से बार, बहुत महंगे होते हैं। इस वजह से हमें वह सारी चीज समझने के लिए बहुत सारी परेशानी आ जाती है। लेकिन इस पोस्ट के अंदर में हम लोग जानेंगे कि एक्चुअल में शेयर का मतलब क्या होता है, मतलब शेयर के बारे में हम लोग सिखने वाले हैं ।
शेयर का मतलब होता है हिस्सा ।
Table of Contents
शेयर का परिचय अर्थ प्रकार और उदाहरण हम आगे समझ लेंगे
1. शेयर का परिचय ( शेयर का मतलब क्या होता है ) –
शेयर का विचार 16 शताब्दी में शुरू हुआ। जब व्यापारियों और कंपनियों ने व्यापार को बढ़ाने के लिए पूंजी एकता करने के तरीके ढूंढ़ने शुरू किया। व्यापार और उद्योगों का व्यवसाय हुआ तो व्यापारियों ने क्या किया की पूंजी जताने के लिए लोगों को अपने व्यापार में हिस्सेदारी देनी शुरू कर दी ।
शेयर का मतलब क्या होता है यह होता है कि अगर एक गांव से सामान दूसरे सामान में बेचने को जाना रहेगा तब उसे टाइम पर वह क्या करेंगे , सारे लोगों का सामान एक साथ ही लेकर जाएंगे और उसी के बाद में जो उसमें प्रॉफिट होगा वह प्रॉफिट उनका जितना शेयर था उन्होंने जितना हिस्से का माल दिया था उसे हिसाब से उन्हें वापस लौटा देंगे ।
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2. शेयर का अर्थ ( शेयर का मतलब क्या होता है ) –
शेयर का मतलब किसी कंपनी में हिस्सेदारी होता है । किसी कंपनी को बहुत बड़े धन की जरूरत होती है तब वह कंपनी अपने कंपनी के छोटे छोटे हिस्से कर देती है। और वह छोटे छोटे हिस्से के बदले में वह अपनी कंपनी के पार्टनरशिप शेरहोल्डर्स को यानी कि जो वह हिस्सा खरीदे देगा उन्हें दे देती है।
और उसके बाद में उसे कंपनी के शेयर होल्डर बन जाते हैं इसका मतलब यह होता है कि आपकी कंपनी में हिस्सेदारी है। और इसे ऐसे समझ सकते हैं की यदि आप किसी कंपनी का शेयर रखते हो तो आप उसे कंपनी के मालिक का एक छोटा हिस्सा हो जाएंगे और कंपनी के मुनाफे में आपके हिस्से का अधिकार हो जाता है।
3. अब यही बात हम उदाहरण से सीखते हैं –
मान लीजिए की “XYZ” कंपनी में व्यापार के विस्तार के लिए 100000 शेयर जारी किए है । और आपने उसमें से 1000 शेयर खरीदे। आप उसे कंपनी में १% की हिस्सेदारी के मालिक बन गए। कंपनी अगर मुनाफे में जाती है तो आपको जो टोटल मुनाफा होगा वह टोटल मुनाफा का १% मिल सकता है। और कंपनी के विकास के साथ साथ कीमत भी बढ़ सकती है वहीं यदि कंपनी घाटे में जाती है तो आपके निवेश का मूल्य भी घट सकता है। जैसा मालिक का होता है के प्रॉफिट के बाद में प्रॉफिट ओर लॉस होने के बाद में लॉस ।
शेयर का मतलब क्या होता है के बाद अब इस में हम लोग जानेंगे कि शेयर के टोटल कितने प्रकार होते हैं
१ । इक्विटी शेयर –
यह सबसे आम प्रकार के शेयर होते हैं । और इन पर डिविडेंड जो है वह प्राप्त होता है। हम लोग ऐसा कर सकते हैं कि हमारे पास में फॉर एग्जांपल 10000 रुपए है और हमने 10000 रुपए के अगेंस्ट में कंपनी के कुछ शेयर जो है वह होल्ड करके रखे हैं यानि खरीद कर रखे हैं ।
जैसा कि हम लोग जनरल शेयर मार्केट में समझते हैं कि हम लोगों को कंपनी के शेयर्स को खरीद कर रखना पड़ता है वेसे वाले शेर जो रेगुलर वाले शेर होते हैं। जिनको मामूली शेयर्स भी कहते हैं। तो उन्हें इक्विटी शेयर्स कहा जाता है। अब शायद आपको अंदाज हो गया होगा की शेयर का मतलब क्या होता है ।
२ प्रेफरेंस शेयर – ( वरीयता शेयर )
प्रेफरेंस शेयर धारकों को मुनाफा में पहले हिस्सेदारी मिलनी है। लेकिन उनके पास वोटिंग का अधिकार नहीं हो सकता। अगर कंपनी डिविडेंड देती है तो प्रेफर्ड शेयर होल्डर यानी की वरीयता शेयर धारकों को पहले भुगतान किया जाता है। उसके अंदर में जो रिस्क जो है वह काम होता है और रिटर्न जो है वह फिक्स होता है निश्चित होता है। इसलिए इसे अधिक स्थिरता पसंद करने वाली निवेदक जो है वह चुनते हैं।
३. अधिकार शेयर ( राइट्स शेयर ) –
कंपनी अपने मौजूदा शेयर होल्डर्स को अतिरिक्त शेयर खरीदने का अधिकार देती है। जिसे अधिकार शेयर कहा जाता है। बहुत सी बार ऐसा हो जाता है कि कंपनी जब अच्छे खासे प्रॉफिट में चल रही होती है या फिर कंपनी को एक्सपेंशन या फिर अपनी शाखाएं बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसों की जरूरत होती है। उसी समय पर कंपनी अपने शेरहोल्डर्स और कुछ शेर जो है वह इशू करती है। और उसके बाद में उनके देती है। कि आप यह शेयर परचेज कर लीजिए ताकि उनके इन्वेस्टर’एस का उसमें फायदा हो।
४. बोनस शेयर –
जब कंपनी अपने शेयर धारकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर दे दे तो इसे बोनस शेयर कहा जाता है। यह मौजूदा शेयर धारकों के प्रति आभार के रूप में दिया जाता है।
५. बायबैक शेयर –
यह शेयर तब जारी होते जब कंपनी अपने मौजूदा शेयर को पुनःखरेदी करती है। इसका उद्देश्य शेयर की कीमत को स्थिर रखने और शहर दर को के प्रति वफादारी बनाए रखना होता है। हमने ये तो जान लिया की शेयर का मतलब क्या होता है और अब यह तो हो गए शेयर टाइप्स और या फिर शेयर्स के प्रकार।
शेयर का मतलब क्या होता है जान लिया अब तो अब जानेंगे की सच में शेयर का महत्व क्या होता है ?
शेयर निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। उन्हें पूंजी बढ़ाने का मौका देता है। और कंपनी को भी व्यापार के लिए आवश्यक धन जुटाना में सहायता मिलती है। अगर कंपनी बैंक के पास में जाती है तो बैंक से उन्हें कर्ज लेने के लिए जो परसेंटेज देना पड़ता है या कहिए की जो ब्याज देना पड़ता है उससे कम ब्याज में।
या फिर आप ऐसा कह सकते हैं कि उसे लगभग ना के बराबर ब्याज में कंपनी को १०० या फिर २०० करोड रुपए जमा करने के लिए आसान जरिया है। और निवेशकों को भी बैंक में पैसा जमा करने के बाद में 8% या 10% तक रिटर्न ब्याज का के अलावा अगर शेयर में निवेश करते हैं उन्हें फायदा होने की संभावना 15% से ज्यादा तक की हो सकती है।
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